Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज जी ने एक महत्वपूर्ण सवाल का जवाब दिया है जो कई माता-पिता के मन में होता है. क्या शादी के बाद बेटी से मदद ली जा सकती है? इस सवाल पर महाराज जी ने अपने विचार रखे हैं. आइए जानते हैं कि उन्होंने इस बारे में क्या कहा और क्यों यह विषय इतना महत्वपूर्ण है.
Premanand Maharaj जी का दृष्टिकोण:
महाराज जी का मानना है कि बेटी की शादी के बाद उससे मदद लेना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि बेटी को विदा करते समय यह सोचना चाहिए कि अब वह दूसरे घर की हो गई है. माता-पिता को अपनी बेटी से किसी भी प्रकार की मदद की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए. यह बात उन्होंने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कही है.
Read More: Amazon Prime और Netflix का चक्कर छोड़ो और Youtube पर फ्री में देखो ये दिमाग चकरा देने वाली सीरीज
बेटी की जिम्मेदारियां:
Premanand Maharaj जी ने समझाया कि शादी के बाद बेटी की नई जिम्मेदारियां होती हैं. उसे अपने नए घर और परिवार के प्रति ध्यान देना होता है. ऐसे में माता-पिता को उससे मदद मांगकर उसे मुश्किल में नहीं डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि बेटी अपने पति और ससुराल वालों की सेवा करे. यही उसका धर्म है.
माता-पिता की भूमिका:
महाराज जी ने माता-पिता की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपनी बेटी के लिए आशीर्वाद देना चाहिए कि वह अपने नए घर में खुश रहे. उन्हें बेटी से किसी प्रकार की मदद की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए. यह बात उन्होंने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कही.
समाज में बदलाव की जरूरत:
प्रेमानंद महाराज जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में इस विषय पर सोच बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कई लोग अभी भी बेटी को अपनी संपत्ति समझते हैं और उससे मदद लेने में कोई बुराई नहीं समझते. लेकिन यह सोच बदलनी चाहिए. बेटी को स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जीने देना चाहिए.