देश के अनमोल रत्न श्री मनमोहन सिंह जी का 92 की उम्र में हुआ निधन, ये 10 बातें बनती है उनको महान

Interesting facts about manmohan singh: डॉ. मनमोहन सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे. उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और देश को आर्थिक सुधारों के रास्ते पर ले गए. 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो उन्हें एक विशिष्ट व्यक्तित्व बनाते हैं.

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manmohan singh
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10 रोचक तथ्य डॉ. Manmohan Singh के बारे में:

  1. डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है. बचपन में ही उन्होंने अपनी मां को खो दिया और उनकी परवरिश उनकी दादी ने की.
  2. गांव में बिजली न होने के कारण वे मिट्टी के तेल की लालटेन के नीचे पढ़ाई किया करते थे. इसके बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई में कभी कमी नहीं आने दी.
  3. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक ट्राइपोस और ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डी.फिल की उपाधि प्राप्त की.

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  1. 1971 में उन्होंने भारत सरकार में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में काम शुरू किया. एक साल बाद ही उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बना दिया गया.
  2. डॉ. सिंह ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया, जिनमें योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और प्रधानमंत्री के सलाहकार के पद शामिल हैं.
  3. 1991 में उन्हें पी.वी. नरसिंह राव के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री नियुक्त किया गया. इसी दौरान उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
  4. डॉ. सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य रहे और 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. हालांकि, वे कभी लोकसभा के सदस्य नहीं बन पाए.
  5. 22 मई 2004 को उन्हें भारत का प्रधानमंत्री चुना गया और वे 2014 तक इस पद पर रहे. वे दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
  6. उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें 1993 में यूरोमनी और एशियामनी द्वारा वर्ष के वित्त मंत्री का पुरस्कार भी दिया गया.
  7. डॉ. सिंह को न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री बल्कि एक विनम्र और सौम्य व्यक्तित्व के लिए भी जाना जाता था. उनकी ईमानदारी और कर्मठता के लिए उन्हें सभी राजनीतिक दलों में सम्मान प्राप्त था.