Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य के कई जिलों के बीच संपर्क बेहतर होगा और यात्रा का समय कम होगा. यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ेगा, बल्कि पड़ोसी राज्यों तक भी आवागमन को सुगम बनाएगा. आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में विस्तार से.
Ganga Expressway का मार्ग और लंबाई
Ganga Expressway की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी. यह एक्सप्रेसवे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा. इस दौरान यह 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, कानपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं.
निर्माण की लागत और समय सीमा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 36,230 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार का लक्ष्य है कि इसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए. यह परियोजना 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले से पहले पूरी करने की योजना है.
एक्सप्रेसवे की विशेषताएं
गंगा एक्सप्रेसवे शुरू में 6 लेन का होगा, जिसे बाद में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा. इस पर वाहनों की अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. एक्सप्रेसवे पर गंगा और रामगंगा नदियों पर दो लंबे पुल बनाए जाएंगे, जहां बड़े विमान भी उतर सकेंगे. शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के पास 3.5 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप भी बनाई जाएगी.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. यात्रा समय कम होने से व्यापार और पर्यटन को भी फायदा होगा. मेरठ से प्रयागराज का सफर जो अभी 12-13 घंटे का है, वह घटकर मात्र 6-7 घंटे का रह जाएगा.
पड़ोसी राज्यों से बेहतर संपर्क
गंगा एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में इसे मेरठ से हरिद्वार और प्रयागराज से बलिया तक बढ़ाने की योजना है. इससे उत्तराखंड और बिहार तक आवागमन आसान होगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे अन्य राज्यों तक पहुंचना और भी सुगम हो जाएगा.