Diesel Car Ban News: भारत सरकार ने नए साल पर एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है. यह फैसला देश में डीजल वाहनों के भविष्य को लेकर है. सरकार ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जो पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस फैसले से न केवल आम जनता बल्कि ऑटोमोबाइल उद्योग भी प्रभावित होगा. आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में विस्तार से..
सरकार का बड़ा फैसला
ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति ने 2027 तक डीजल वाहनों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की है. इसका मतलब यह है कि अगले ढाई वर्षों में डीजल वाहनों का उपयोग समाप्त हो सकता है. यह फैसला भारत को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
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प्रतिबंध का दायरा
यह प्रतिबंध मुख्य रूप से उन शहरों में लागू होगा जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है या जो अधिक प्रदूषित हैं. इसके अलावा, 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को भी इस प्रतिबंध के दायरे में लाया जा सकता है. यह नियम न केवल निजी वाहनों बल्कि सार्वजनिक परिवहन पर भी लागू होगा.
प्रभाव और चुनौतियां
इस फैसले का सबसे बड़ा प्रभाव ऑटोमोबाइल उद्योग पर पड़ेगा. कई कंपनियों ने हाल ही में अपने डीजल इंजनों को नए BS6 मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया था. अब इन कंपनियों को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा. इसके अलावा, डीजल वाहनों के मालिकों को भी अपने वाहनों को बदलने या अपग्रेड करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
वैकल्पिक समाधान
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा दे रही है. ईवी न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि लंबे समय में किफायती भी हैं. इसके अलावा, सीएनजी और हाइड्रोजन ईंधन सेल जैसे विकल्पों पर भी काम चल रहा है.