रच दिया इतिहास, बना दी भारत की सबसे लंबी टनल, ऋषिकेश से कारणप्रयाग का सफर हुआ सुहाना, 125.20 किलोमीटर लंबा बिछा रेलवे ट्रैक

Rishikesh Karnaprayag Railway Line: उत्तराखंड में एक नई रेल लाइन का निर्माण चल रहा है जो ऋषिकेश को कर्णप्रयाग से जोड़ेगी. यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व का है और इससे चार धाम यात्रा को बढ़ावा मिलेगा. इस रेल लाइन की कुल लंबाई 125.20 किलोमीटर है और इसमें 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में विस्तार से.

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Rishikesh Karnaprayag Railway Line
Rishikesh Karnaprayag Railway Line

प्रोजेक्ट की मुख्य बातें

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) कर रहा है. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 16,200 करोड़ रुपये है. इस रेल लाइन से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक का सफर 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे का रह जाएगा.

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टनल और पुलों का निर्माण

इस रेल लाइन में कुल 17 टनल बनाई जा रही हैं जिनमें से एक 15.1 किलोमीटर लंबी टनल होगी जो देश की सबसे लंबी रेल टनल होगी. अब तक 213 किलोमीटर में से 176 किलोमीटर टनल का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा 35 पुल भी बनाए जा रहे हैं.

स्टेशनों का निर्माण

इस रेल लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें योग नगरी ऋषिकेश, मुनि की रेती, शिवपुरी, मंजीलगांव, सकनी, देवप्रयाग, कीर्तिनगर, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोल्टीर और कर्णप्रयाग शामिल हैं.

प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में बताया कि इस प्रोजेक्ट का पहला चरण 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा. अब तक प्रोजेक्ट के बजट का 60% हिस्सा खर्च किया जा चुका है. 38 में से 28 ब्रेकथ्रू हासिल किए जा चुके हैं और बाकी मार्च 2025 तक पूरे हो जाएंगे.

प्रोजेक्ट का महत्व

यह रेल लाइन उत्तराखंड के पांच जिलों – देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली से गुजरेगी. इससे चार धाम यात्रा को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी.

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