उत्तराखंड के हरिद्वार में Mahakumbh 2025 का आगाज हो गया है. इस बार का महाकुंभ 15 जनवरी से 7 मार्च 2025 तक चलेगा. मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान होगा जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है. महाकुंभ हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव माना जाता है जो हर 12 साल में आयोजित होता है. आइए जानते हैं इस महाकुंभ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी.
महाकुंभ के प्रमुख स्नान
महाकुंभ में कुल छह प्रमुख स्नान होंगे. पहला अमृत स्नान 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर होगा. इसके बाद 24 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 8 फरवरी को मौनी अमावस्या, 17 फरवरी को बसंत पंचमी, 25 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 7 मार्च को महाशिवरात्रि पर अंतिम शाही स्नान होगा. इन दिनों पर लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाएंगे.
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महाकुंभ की तैयारियां
प्रशासन ने Mahakumbh 2025 की तैयारियों को लेकर कमर कस ली है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. हर रोज लगभग 35 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कोविड-19 के मद्देनजर सैनिटाइजेशन और मास्क पहनने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
महाकुंभ का महत्व
हिंदू धर्म में महाकुंभ का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. यह आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है. साधु-संतों के दर्शन और उनके प्रवचन सुनने का भी अवसर मिलता है. महाकुंभ आध्यात्मिक चेतना जागृत करने का एक बड़ा माध्यम है.