ऋषिकेश में बनने जा रही भारत की सबसे लंबी सुरंग, 7 घंटे का सफर मात्र 2 घंटे में होगा पूरा, इन 5 जिलों की जनता को मिलेगा फायदा

Rishikesh-Karanprayag Railway Line: उत्तराखंड में एक बहुत ही महत्वपूर्ण रेल परियोजना चल रही है. इस परियोजना का नाम है ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट. इस प्रोजेक्ट में भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. यह सुरंग देवप्रयाग और लछमोली के बीच बनाई जा रही है और इसकी लंबाई 15.1 किलोमीटर होगी. इस सुरंग के बनने से न सिर्फ यात्रा का समय कम होगा, बल्कि चारधाम यात्रा भी आसान हो जाएगी. आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से.

सरकारी नौकरी ग्रुप से जुड़े Join Now
डिस्काउंटेड सामान ग्रुप से जुड़े Join Now
Rishikesh-Karanprayag Railway Line
Rishikesh-Karanprayag Railway Line

सुरंग का निर्माण और तकनीक

इस सुरंग का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) कर रहा है. सुरंग बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग किया जा रहा है. यह मशीन पहाड़ों को काटकर सुरंग बनाती है. इस तकनीक से सुरंग का निर्माण तेजी से और सुरक्षित तरीके से हो रहा है.

Read More:राजस्थान की तरक्की का नया पहलू, 278Km लंबी ये रेलवे लाइन होगी डबल, इन इलाकों को मिलेंगे ट्रक भरके पैसा

सुरंग की विशेषताएं

यह सुरंग दो भागों में बनाई जा रही है. एक मुख्य सुरंग होगी जिससे ट्रेन गुजरेगी और दूसरी एक सुरक्षा सुरंग होगी. सुरक्षा सुरंग का उपयोग आपातकाल में किया जाएगा. सुरंग में हर 500 मीटर पर क्रॉस पैसेज बनाए जा रहे हैं जो दोनों सुरंगों को जोड़ेंगे. इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

प्रोजेक्ट का महत्व

यह सुरंग ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस रेल लाइन की कुल लंबाई 125 किलोमीटर होगी. इसमें कुल 12 स्टेशन, 17 सुरंगें और 16 बड़े पुल बनाए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट से उत्तराखंड के पांच जिलों – देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली को लाभ होगा.

यात्रा में सुविधा

इस रेल लाइन के बनने से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक का सफर जो अभी 7-8 घंटे लेता है, वह घटकर सिर्फ 2-3 घंटे का रह जाएगा. इससे चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होगी. साथ ही, स्थानीय लोगों को भी आवागमन में आसानी होगी.

Leave a Comment